सफलता
का रहस्य - Secret of Success
आप
उतने ही मूल्यवान हैं जितना आप सोचते हैं| सफल होने के लिए सबसे पहले आप यह निर्णय
ले या निश्चित करे कि क्या आपको सफलता चाहिए और उसे पाने के लिए आप वो सब करने के
लिए तैयार हैं, जो सफलता पाने के लिए चाहिए| बहुत से लोग कहते हैं कि उन्हें सफलता
चाहिए लेकिन जुम्मेवारी से भागते हैं, जब एक बार आपने सफलता पाने के लिए सोच लिया तो उससे सम्बन्धित
जुम्मेवारियों का साहस के साथ मुकाबला करे| कुछ चुने हुए सुझाव हैं जिन्हें अपना कर
सफलता को पाया जा सकता है |
- - लक्ष्य को निश्चित करो (आपको क्या चाहिए) तथा अडिग निश्चय के साथ शुरू करो |
- - जो आप चाहते (लक्ष्य) को कागज पर लिखो और समय सीमा निश्चित करो, वर्तमान काल में लिखो और उसे एसे स्थान पर लगाओ जहाँ से उसे बार-बार देख सको और पढ़ सको | क्योंकि लिखा हुआ कार्य जरुर सम्पन होता है, उधारण के लिए शादी का निमंत्रण - पत्र, एक बार निमंत्रण-पत्र छप जाता है तो सभी कार्य उसी के अनुसार होते है और 99.9% शादी होती है|
- - जिस क्षेत्र में आप सफलता चाहते हो उस क्षेत्र के लिए अपने दिमाग में जगह बनाओ, अनचाही सूचनाओ को भुला दो ताकि जिस क्षेत्र में आप सफल होना चाहते है उससे सम्बन्धित सूचनाओं को स्थान मिल सके| क्योंकि प्रकृति भी खाली जगह को भर देती है, जिन वस्तुओं कि जरूरत नहीं वो भी हटा दो, क्षेत्र से सम्बन्धित वस्तुए ही आसपास हो|
- - अपने लक्ष्य को जोर जोर से बोलो, अपने आप से, दोस्तों के साथ बातें करते समय दोहराते रहो|
- - अपने लक्ष्य को पूरा होता देखो | लक्ष्य पूरा होने पर कैसा महसूस करोगे वैसा दृश्य देखो और उसमे जीवो| विचारों को दृश्य में बदलो क्योंकि हमारा अंतर्मन (subconscious mind) दृश्यों तथा रंगो कि भाषा समझता है | वह आपके दृश्य को वास्तविकता में बदल देगा | अन्त में जो सबसे जरूरी है वह है लक्ष्य के प्रति क्रमबद्धता अत: कार्य में लग जाओ | आपका लक्ष्य बहुत सुंदर हो सकता है लेकिन कर्म नहीं करोगे तो लक्ष्य प्राप्ति कभी भी नहीं होगी |
- कार्य करते समय अपने आपको अकेला मत
समझो परमपिता परमात्मा को अपना साथी बना कर कार्य करते जाओ | मात्र ज्ञान ही कोई
शक्ति नहीं है, ज्ञान के आधार पर कर्म ही एक शक्ति है और जिसके पास यह शक्ति है
उसकी सफलता निश्चित है |
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