सफलता की कुंजी : जप
तप और व्रत
जप : लक्ष्य को बार- बार दोहराना l जब हम किसी बात को बार-बार दोहराते है तो हमारे अंदर उसको पाने की
इच्छा बढ़ जाती है | जिसे हम जवलंत इच्छा (Burning Desire) कहते है जो लक्ष्य प्राप्ति का
पहली कुंजी है |
तप : लक्ष्य प्राप्त करने के लिए बन्धनों से मुक्ति | लक्ष्य प्राप्त करने के
रास्ते में जो भी रूकावटे हमारे जीवन में आती है उनकी परवाह किये बिना आगे बढ़ते
जाना यह लक्ष्य प्राप्ति का दूसरा कुंजी है |
व्रत : लक्ष्य प्राप्ति की प्रतिज्ञा पर
अडिग रहना (Strong Determination) | निश्चय बुद्धि सदा विज्यंती | यह लक्ष्य प्राप्ति की तीसरी कुंजी
है |
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